Initiates practicing Asanas
Badrinath Ashram Yoga Hall
Mt. Neelakantan a sunrise,
Above the Badrinath ashram
Badrinath Babaji Kriya Yoga
Ashram front view
Badrinath Babaji Kriya Yoga
Ashram side view
Badrinath Babaji Kriya Yoga
An Acharya teaching children to meditate in Jaffna, Sri Lanka
बाबाजी का क्रिया योग क्या है ?
जीवन का लक्ष्य है सुख्, शांति, प्रेम और ज्ञान प्राप्ति | ईश्वर समस्त मानवता के माध्यम से ही स्वयं को अभिव्यक्त करता है | पूर्णता की कामना जीवात्मा में उसीमें अवस्थित इश्वर के प्रतिरूप से आती है |
बाबाजी का क्रिया योग ईश्वर-बोध, यथार्थ-ज्ञान एवं आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने की एक वैज्ञानिक प्रणाली है | प्राचीन सिद्ध परम्परा के 18 सिद्धों की शिक्षा का संश्लेषण कर, भारत के एक महान विभूति, बाबाजी नागराज ने इस प्रणाली को पुनर्जीवित किया | इसमें योग के विभिन्न क्रियाओं को 5 भागों में बांटा गया है | परमहंस योगानन्द के अनुसार क्रिया कुण्डलिनी प्राणायाम के अभ्यास से ईश्वरीय चेतना की ओर मनुष्य की स्वभाविक प्रगति तीव्रतर हो जाती है |
बाबाजी के क्रिया योग के बारे में आगे और पढ़ें
मार्शल गोविंदन (सच्चिदानंद) के साथ एक साक्षात्कार
* सिद्धांत, अद्वैत और योग
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नवीन व ग्रैंड सेल्फ मूवी के लिए वीडियो। नवंबर 2020
* पक्षी के दो पंख
क्रिया योग और आचार्य सत्यानंद जी के बारे में - दिक्षित मरीना कपूर द्वारा लिखा गया का एक परिप्रेक्ष्य.
Kriya बाबाजी द्वारा संकलित क्रिया हठ योग
शरीर के योवन को बनाये रखने के लिए एक कारगर प्रणाली बनाना और क्रिया योग के सूक्ष्म चरण के अभ्यास हेतू शरीर को तैयार करने के लिए बाबाजी ने इन 18 आसनों को कई हज़ारों में से चुना है | हिमालय में रहने वाले चिरयुवा बाबाजी इनकी प्रभाविकता के जीवन्त प्रमाण हैं | प्रत्येक आसन अनेक चरणों में सिखलाया गया है | फलस्वरूप यह प्रारम्भिक एवं अनुभवी, दोनों प्रकार के अभ्यासियों के लिए उपयुक्त है | आसनों को जोड़ों में इस तरह सजाया गया है कि दो आसनों के बीच पूरा विश्राम मिल सके | इस पुस्तिका में प्रत्येक आसन के प्रत्येक चरण को सरलतापूर्वक दिखाया व समझाया गया है | साथ ही इन आसनों से होने वाले उपचार एवं अन्य लाभों को दर्शाया गया है | पुस्तिका के प्राक्कत्थन में इन आसनों के अभ्यास में आवश्यक सिद्धांतों का परिचय दिया गया है | (32 पेज)
पतंजलि व अन्य महर्षियों के क्रिया योग सूत्र
महर्षि पतंजलि का योग सूत्र योग के प्रमुख दो-तीन अति महत्वपूर्ण एवं सर्वमान्य ग्रन्थों में एक है | पतंजलि ने अपने योग को क्रिया योग का नाम दिया | क्रिया योग अर्थात सभी कार्य में पूर्ण सजगता | अब तक के व्याख्याकार इसके दार्शनिक पक्ष पर जोर देते हुए योग साधना में इसकी व्यवाहरिकता को नजरअंदाज करते रहे | इस बात को भी ध्यान में नहीं रखा गया कि यह एक गूढ़ भाष्य है जिसे क्रिया योग में दीक्षित तथा अनुभवप्राप्त साधक ही आत्मसात कर सकते हैं | पतंजलि योग सूत्र का यह नया अनुवाद और नई व्याख्या आत्म-साक्षात्कार या ज्ञान-प्राप्ति के लिये एक व्यावहारिक मार्ग दर्शिका है | प्रत्येक सूत्र की व्याख्या के बाद उसमें वर्णित प्रबुद्ध दार्शनिक उपदेश को अपनी रोजमर्रे की ज़िन्दगी में उतारने के लिये कुछ अभ्यास बताए गये हैं | क्रिया योग का अभ्यास वैसा ही है जैसे बहुत शक्तिशाली मोटर गाड़ी चलाना | अक्सर ऐसा होता कि दिशानिर्देश के आभाव में ड्राईवर या तो ट्रैफिक में फंस जाते हैं या किसी अंधी गली में जा अटकते हैं | यह पुस्तक पहली बार मुक्ति-पथ के पथिकों को स्पष्ट दिशा निर्देश एवं मार्ग दर्शन उपलब्ध कराता है | “मार्शल गोविन्दन रचित ‘पतंजलि एवं सिद्ध महर्षियों के क्रिया योग सूत्र’ योग के , विशेषतया योग सूत्र के, अध्ययन में एक अमूल्य योगदान है | मैं इस पुस्तक की तहे-दिल से सिफारिश करता हूँ | दुनिया भर में निरंतर बढती संख्या में क्रिया योग साधक इसे अपरिहार्य पाएंगे एवं अन्य भी इससे लाभान्वित होंगे |” : ज्योर्ज फ्यूरस्टाइन, पी.एच डी. (‘द सूत्राज़ ऑफ पतंजली’ एवं ‘एनसाइक्लोपीडिया ऑफ योगा’ के रचयिता)
बाबाजी व 18 महर्षियों की क्रिया योग परम्परा
यह स्वामी योगानंद की अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक योगी कथामृत में चर्चित चिरयुवा विभूति क्रिया बाबाजी नागराज की प्रथम प्रमाणिक जीवनी है | दक्षिण भारत में प्रसिद्ध 18 सिद्ध योग परम्परा के मृत्युंजय महर्षि अगस्त्य एवं महर्षि बोगनाथ द्वारा क्रिया योग में दीक्षित होकर बाबाजी ने 16 वर्ष की उम्र में आत्मज्ञान एवं कायाकल्प की उपलब्धि की | सैकड़ों साल बाद भी बाबाजी किशोर शारीर धारण कर बद्रीनाथ में रहते है | यह पुस्तक उनके वर्षों पुराने शिष्य के द्वारा लिखा गया एक अनूठा वृत्तांत है | इसमें सिद्ध महर्षियों के जीवन की अनजानी घटनाओं, तत्कालीन संस्कृति एवं उनके वर्तमान मिशन का विवरण है | साथ ही जीवन के सांसारिक तथा आध्यात्मिक पक्षों में तादात्म्य स्थापित करने में क्रिया योग की उपियोगिता को भी समझाया गया है | क्रिया योग के अभ्यास के लिये मार्गदर्शन के साथ इस पुस्तक में मन और शरीर पर होनेवाले इनके प्रभाव को भी स्पष्ट किया गया है | इसमें सिद्ध महर्षियों के लेखन एवं उनकी व्याख्या भी सम्मिलित हैं | हिंदी, तमिल एवं अंग्रजी में उपलब्ध यह पुस्तक आपको अवश्य प्रेरित करेगी |


